रांची में हाल के दिनों में अपराध की घटनाओ में इजाफ़ा हुआ है, जिसे देखते हुए रांची पुलिस अब एक्शन में है। अपराध पर लगाम लगाने और क्विक एक्शन के लिए गश्ती वाहन, पीसीआर सहित टाइगर पर जिम्मेवारी होती है। लेकिन कई बार सूचना के बाद भी ये वाहन समय पर नहीं पहुंचते, जिसे देखते हुए अब इनके मूवमेंट पर न्यूजीलैंड के बने एप्प से निगरानी होगी। इसकी जांच न सिर्फ कंट्रोल रूम बल्कि थाना स्तर से भी की जा सकेगी। वहीं रांची में पीसीआर और टाइगर मोबाइल के मूवमेंट को लेकर कई बार सवाल उठ चुके है और इन्ही वजहों से इनमे जीपीएस से लैस भी किया गया। ताकि इनके मूवमेंट की जानकारी प्रॉपर मिल सके लेकिन मॉनिटरिंग करने में नकाम सबित हो रही है।
TRACK एप्प के माध्यम से इनके मूवमेंट पर रखेगी नजर
इसे देखते हुए रांची पुलिस अब TRACK एप्प के माध्यम से इनके मूवमेंट पर नजर रखेगी। इस एप्प के माध्यम से पीसीआर, टाइगर और गश्ती वाहन पर पूरी नगर होगी न सिर्फ बड़े स्तर पर यानी कंट्रोल रूम से नगर रखी जा सकती है बल्कि थाना स्तर पर भी नजर रखी जा सकती है। ऐसे मे पीसीआर सहित अन्य पुलिस के वाहन किन स्थानो पर जा रहे है उसकी मॉनिटरिंग प्रॉपर्टी हो सकेगी। और जरूरत पड़ने पर आसानी से घटनास्थल के आसपास पास मौजूद वाहन को ट्रैक कर उन्हें मूव कराया जा सकेगा। रांची एसएसपी ने बताया कि तकनीक का ईस्तेमाल बढ़ा कर पुलिस और भी कारगर तरीके से कार्यक्रम कर सकती है।
शहर में पुलिस के कुल 129 वाहन करती है गश्ती
रांची शहर मे पुलिस के कुल 129 वाहन पर गश्ती का दारोमदार है जिसे एप्प के माध्यम से पुलिस पदाधिकारी इनमें वहां के मूवमेंट की मॉनिटरिंग कर सकेंगे। TRACK एप्प मे कई सारी खासियत, जो पुलिस वाहन move कर रहे हों, उनका सिग्नल होगा हरा, जो गाड़ी खड़ी हो, लेकिन इंजन ऑन हो, उसका सिग्नल पीला नगर आएगा, जबकि जो गाड़ी बंद हो उसका सिग्नल रेड नजर आएगा। पुलिस वाहन कहाँ है इसे सैटेलाइट 3D इमेज से आसानी से स्पष्ट देखा जा सकता है। दिन भर मे गश्ती वाहन कितने किलोमिटर चली इसकी जानकारी भी आसानी से मिल जाएगी।
ट्रैकिंग की व्यवस्था की जा रही है
गश्ती वाहन अपने रूट को फॉलो कर रही है या नहीं इस पर भी नजर रहेगी। रांची के सीनियर एसपी किशोर कौशल ने बताया कि रांची शहर ने अपराधी की घटनाओ पर लगाम लगाने को लेकर विशेष तौर पर पुलिस प्रेजेंस को बढ़ाना है, ताकि शहर वासियों ने भरोसा पैदा हो तो वहीं दूसरी तरफ अपराधियों ने भय इसे देखते हुए हाल के दिनों ने शहर ने अपराध के हॉट स्पॉट को चिन्हित काटने का काम किया जा रहा है। पुलिस मूवमेंट को बढ़ाया जा रहा है लेकिन कई बार ऐसी शिकायतें मिलती है कि उन स्थानों पर पुलिस की पेट्रोलिंग नहीं हो रही। जिसे देखते हुए इनकी ट्रैकिंग जरूरी है और इसी वज़ह से अब हर स्तर पर इसकी ट्रैकिंग की व्यवस्था की जा रही है।
मॉनिटरिंग के लिए बनाया गया है रोस्टर
वहीं इनकी मॉनिटरिंग के लिए रोस्टर भी बनाया गया है और प्रत्येक दिन एक डीएसपी स्तर के एक पदाधिकारी को इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी दी गई है। बहरहाल TRACK एप्प से पुलिस पदाधिकारियों को फैमिलीयर बनाने को लेकर उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है और उनके मोबाइल को भी इस एप्प से लैस कर दिया गया है ताकि वो भी अपने थाना स्तर मे पीसीआर,टाइगर, शक्ति और गश्ती वाहन की मॉनिटरिंग कर सके।