मनी लाउंड्रिंग मामले में निलंबित आईएएस पूजा सिंघल शनिवार को जमानत की अवधि पूरी होने के बाद पीएमएलए कोर्ट में सरेंडर किया। जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने पूजा सिंघल को उनकी बेटी के इलाज को लेकर एक महीने तक सशर्त जमानत दी थी. सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद 4 जनवरी को पूजा सिंघल 8 माह बाद जेल से बाहर आयी थीं। इस दौरान उन्हें झारखंड से बाहर रहने का निर्देश दिया गया था। गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी कोर्ट में हाजिर हुई थीं। कोर्ट ने इनके आरोप गठन के बिंदु पर सुनवाई के लिए 8 फरवरी की तिथि निर्धारित की है।
ईडी को 19.31 करोड़ रुपये नगद बरामद हुए थे
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने ईडी की अदालत में पूजा सिंघल समेत अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोप पत्र में बताया गया है कि चतरा, खूंटी और पलामू डीसी रहते हुए पूजा सिंघल के खाते में सैलरी से 1.43 करोड़ अधिक थे। ईडी ने इन तीनों जिलों में उनके डीसी के कार्यकाल के दौरान के अलग-अलग बैंक खातों व दूसरे निवेश की जानकारी जुटायी। खूंटी में मनरेगा का घोटाला फरवरी 2009 से जुलाई 2010 के बीच हुआ उस समय पूजा सिंघल वहां की डीसी थीं। ईडी ने 6 मई को तत्कालीन खान सचिव पूजा सिंघल के सरकारी व निजी आवास उनके पति अभिषेक झा और उनके सीए सुमन सिंह समेत 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीए सुमन सिंह के आवास से ईडी को 19.31 करोड़ रुपये नगद बरामद हुए थे। 11 मई को ईडी ने पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया था।