राज्य की राजनीति हर दिन करवट ले रही है और लिफाफे को लेकर पिछले 25 अगस्त से झारखंड में जोरदार राजनीति हो रही है। हर ओर जिसे देखो वही लिफाफे की बात कर रहा है। दरअसल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर लगे आरोप पत्थर अवैध खनन मामले को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने 26 दिन पहले लिफाफा में बंद अपना फैसला राजभवन भेज दिया है। लेकिन राजभवन से अभी तक सार्वजनिक उसे नहीं किया गया है। इसको लेकर गठबंधन दल के विधायक मंत्री के साथ मुख्यमंत्री भी पशोपेश में है कि आखिर लिफाफा में क्या फैसला आया है। प्रधानमंत्री टीवी मुक्त भारत अभियान कार्यक्रम में राज्यपाल रमेश बैस भी शामिल हुए थे। उस दौरान मीडिया ने राज्यपाल से लिफाफे को लेकर सवाल किया कि सबकी निगाहें राजभवन पर टिकी है, जिस पर राज्यपाल ने कहा लिफाफा ऐसा चिपका हुआ है, जो खुल नहीं पा रहा है।
हां हमें भी उत्सुकता है: बन्ना गुप्ता
इसको लेकर भी सत्ता पक्ष के मंत्री और सांसद ने अपनी बात रखा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा वह गार्जियन जैसे हैं और उनको भी हास्य व्यंग्य करने को अधिकार है। हम महामहिम के बातों पर टिका टिप्पणी करना उचित नहीं समझते हैं। हां हमें भी उत्सुकता है। उस लिफाफे का उसमें क्या फैसला आयेगा है।
ऑपरेशन लोटस भी राज्य में चलाने की कोशिश की जा रही थी: महुआ माजी
वहीं राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा राज्य में लिफाफे को लेकर असमंजस की भावना जनता के साथ कई लोगों को भी है। ब्यूरोक्रेट्स भी संशय में है। इसलिए जल्द से जल्द जो फैसला आया है उसे पब्लिक डोमेन में रखना चाहिए। ऑपरेशन लोटस भी राज्य में चलाने की कोशिश की जा रही थी। जिसके कारण कई लोग जेल भी गए।