शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पदभार सम्भालते ही के के पाठक ऐक्शन में आ गए है। स्कूल, कॉलेजों के लिए हर रोज नया फरमान जारी कर रहे है। और उसे सख्ती से पालन करने के भी निर्देश दे रहे है। जो स्कूल और कॉलेज आदेश का पालन नहीं कर रहे है। उनपर कार्रवाई भी की जा रही है। अब मुख्य सचिव ने कॉलेज को लेकर नया आदेश जारी किया है। जिन कॉलेजों में स्टूडेंट्स की संख्या नाम मात्र है, उनकी मान्यता रद्द की जाएगी। इसके साथ ही कागज पर स्टूडेंट्स को दिखाने वाले एफिलिएटेड अल्पसंख्यक कॉलेज की मान्यता को भी रद्द किया जाएगा। इसको लेकर के के पाठक ने सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को आदेश जारी किया गया है।
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सभी कॉलेज को शिक्षा विभाग में जमा करना होगा अटेंडेंस शीट
गुरुवार को के के पाठक ने वीडियो कॉफ्रेंसिग के जरिए सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों के साथ बैठक की है। इस दौरान उन्होंने कई निर्देश दिए। के के पाठक ने अंगीभूत डिग्री कॉलेज की मान्यता रद्द करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कागज पर स्टूडेंट्स को दिखाने वाले एफिलिएटेड अल्पसंख्यक कॉलेज को रद्द करने का भी आदेश जारी किया है। इसको लेकर के के पाठक ने स्टूडेंट की उपस्थिति की जानकारी मांगी है। के के पाठक ने सभी मान्यता प्राप्त कॉलेज के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों का अटेंडेंस शीट दोपहर तीन बजे तक शिक्षा विभाग को भेजने का आदेश जारी किया है। अटेंडेंस शीट उपलब्ध नहीं किए होने पर कार्रवाई करने की बात कही गई है।
“बिहार में कुल 227 एफिलिएटेड कॉलेज है”
वहीं, शिक्षा अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कुलपतियों को कहा है कि सभी मान्यता प्राप्त कॉलेज के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों का अटेंडेंस सीट दोपहर तीन बजे तक शिक्षा विभाग को भेजे। अटेंडेंस सीट उपलब्ध नहीं किए जाने पर कार्रवाई करने की बात कही है। वर्तमान में बिहार में कुल 227 एफिलिएटेड कॉलेज हैं। और अब इन सभी कॉलेजों पर के के पाठक के आदेश की तलवार खींच गई है। इसके साथ ही सभी कुलपतियों को 22 जुलाई तक एमजेएमसी केस का निपटारा करने का डेडलाइन दिया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट से जुड़ी एमजेएमसी केस का निपटारा अनिवार्य रूप से करें। एमजेएमसी केस का निपटारा नहीं किए जाने पर कार्रवाई के लिए तैयार रहें।