BOKARO : देश में किडनी रोगियों की बढ़ती संख्या ने चिकित्सकों की चिन्ता बढ़ा दी है। चिकित्सक इस बात को लेकर परेशान हैं कि जिस भयावह तरीके से यह बीमारी बढ़ रही है आनेवाला समय चुनौतियों से भरा होगा। इसे देखते हुए हमें अभी से ही चिकित्सकों के साथ-साथ संसाधनों के साथ तैयार होना होगा। चिकित्सक यह मानते हैं कि मौजूदा समय में जो साधन व संसाधन सुलभ है उससे आनेवाले समय की चुनौतियों का सामना करना संभव नहीं होगा। बोकारो में आयोजित पूर्वी क्षेत्र के नेफ्रोलोजिस्ट कान्फ्रेंस में देश भर से आए विशेषज्ञ चिकित्सकों ने अपने अनुभव शेयर किए। उन्होंने कहा कि हमारे खान पान, फास्ट फूड की हैबिट, रहन सहन की वजह से किडनी रोगियों की संख्या बढ़ रही है। वहीं जिम जाने व तेजी से अपने शरीरिक बदलाव लाने की हमारे अंदर पनपी प्रवृति ने इस रोग को और जटिल बनाया है।
दो दिन चिकित्सकों ने किया मंथन
दो दिनों तक बोकारो में सीएमई में आए चिकित्सकों ने खूब मंथन किया और रोगियों को बेहतर इलाज देने के लिए अपने ज्ञान को एक दूसरे से साझा किया। चिकित्सकों ने किडनी रोग को और अधिक भयावह बनाने में उन विज्ञापनों को जिम्मेवार ठहराया जो सोशल मीडिया पर आकर्षक तरीके से आते हैं। रोगियों को शर्तियां इलाज के भ्रम में फांस कर उनके केस को खराब कर ऐसा बना देते हें कि उनका जब तक इलाज किया जाए तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। जिम के कारण भी किडनी पर प्रतिकूल असर पड़ने की बात सामने आयी।