बिहार में जातीय गणना के आंकड़े जारी होने के बाद से सियासी पारा दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रह है। एक और बिहार सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है। वही विपक्षी में बैठे भाजपा जातीय गणना के आकड़ों पर सवाल खड़ा कर रही है। इसे लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से खूब बयानी तीर छोड़े जा रहे हैं। राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव ने विरोध करने वालों को कहा कि कैंसर का इलाज सिरदर्द की दवा खाने से नहीं होगा।। जिसका भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने लालू यादव को ही बिहार के लिए कैंसर बताया है।
लालू का बयान
दरअसल लालू यादव ने एक्स पर लिखा कि जातिगत जनगणना के विरुद्ध जो भी लोग है वो इंसानियत, सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक बराबरी तथा समानुपातिक प्रतिनिधित्व के ख़िलाफ है। ऐसे लोगों में रत्तीभर भी न्यायिक चरित्र नहीं होता है। किसी भी प्रकार की असमानता एवं गैरबराबरी के ऐसे समर्थक अन्यायी प्रवृत्ति के होते है जो जन्म से लेकर मृत्यु तक केवल और केवल जन्मजात जातीय श्रेष्ठता के आधार एवं दंभ पर दूसरों का हक खाकर अपनी कथित श्रेष्ठता को बरकरार रखना चाहते है। कैंसर का इलाज सिरदर्द की दवा खाने से नहीं होगा।
सम्राट चौधरी की प्रतिक्रिया
लालू यादव के बयान पर सम्राट चौधरी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि लालू खुद बिहार के लिए कैंसर हैं। बिहार में अगर अराजकता की स्थिति बनाने वाला अगर कोई नेता रहा तो वह लालू प्रसाद हैं। लालू ने ही बिहार में जातीय उन्माद फैलाया है। ये जो कैंसर की बात कर रहे हैं सिर्फ और सिर्फ लालू प्रसाद ने ही यह स्थिति उत्पन्न की है। लालू प्रसाद ही बिहार की राजनीति के कैंसर हैं। उन्हें अब पूजा पाठ में लगना चाहिए। नीतीश कुमार की कृपा से लालू सजायाफ्ता हैं, अब तो भगवान की शरण में चले जाएं। बिहार की राजनीति को बर्बाद करने वाला अगर कोई नेता बिहार में पैदा लिया तो उसना नाम लालू प्रसाद है।