[Team Insider]: कोट्टायम (Kottayam) में संत कुरियाकोस एलियास चावरा की 150वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, अभद्र भाषा और लेखन, संवैधानिक अधिकारों और लोकाचार के खिलाफ हैं। सारे देश के लोग अपने धर्म का पालन करें। गाली न दें और अभद्र भाषा और लेखन में लिप्त न हों।
महामारी खत्म हो जाने के बाद स्कूलों को छात्रों के लिए सामुदायिक सेवा अनिवार्य करनी चाहिए
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि धर्मनिरपेक्षता हर भारतीय के खून में है। हमारा देश अपनी संस्कृति और विरासत के लिए दुनिया भर में सम्मानित है। कोट्टयम में संत कुरियाकोस एलियास चावरा की 150वीं पुण्यतिथि के अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, अभद्र भाषा और लेखन, संवैधानिक अधिकारों और लोकाचार के खिलाफ हैं। प्रत्येक व्यक्ति को देश में विचार प्रचारित प्रसारित करने का अधिकार है। अपने धर्म का पालन करें लेकिन गाली न दें और अभद्र भाषा और लेखन में लिप्त न हों।
उन्होंने कहा, संत चावरा ने हमें सिखाया कि शांतिपूर्ण मानवीय संबंध पवित्र होते हैं। वेंकैया नायडू ने कहा कि दूसरों के लिए जीने से न केवल एक व्यक्ति को संतुष्टि मिलेगी बल्कि लोगों को उस व्यक्ति को उसके अच्छे कामों के लिए लंबे समय तक याद रखा जाएगा। नायडू ने सुझाव दिया कि एक बार महामारी खत्म हो जाने के बाद, सरकारी और निजी दोनों स्कूलों को छात्रों के लिए कम से कम 2-3 सप्ताह की सामुदायिक सेवा अनिवार्य करनी चाहिए। हमारे लिए, पूरी दुनिया एक परिवार है जो हमारे कालातीत आदर्श, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ में समाहित है। इसी भावना के साथ हमें एक साथ आगे बढ़ना चाहिए।