RANCHI: झारखंड में माओवादियों के खात्मे को लेकर सुरक्षा बलों का अभियान जारी है। इस अभियान के तहत बड़ी सफलता सुरक्षा बलों को मिली है। पुलिस की दबिश से 15 लाख के इनामी रिजनल कमाण्डर इंदल गंझू ने आत्म समर्पण कर दिया है। अभियान आईजी एवी होमकर के अलावा अन्य पुलिस अधिकारियों ने इंदल का मुख्यधारा में लौटने पर स्वागत किया। इंदल झारखंड के कुख्यात उग्रवादियों में शामिल था। सरकार ने उसके सिर पर 15 लाख का इनाम भी घोषित कर रखा था। बताते चलें कि झारखंड और बिहार के विभिन्न थाना क्षेत्र में इंदल पर 147 से अधिक मामले दर्ज है।
20 सालों से सक्रिय था इंदल
इंदल 20 वर्षों से अधिक समय से माओवादी संगठन में सक्रिय था। अब इंदल के आत्म समर्पण से मध्य जोन में माओवादी की रीढ़ की हड्डी टूट चुकी है। इंदल पलामू, गढ़वा, औरंगाबाद में आतंक का पर्याय बन गया था। वहीं संगठन में रहते हुए कई बड़े घटना को अंजाम दिया था।
जंगलों में चल रहा अभियान
आत्मसमर्पण के मौके पर आईजी अमोल वेनुकांत होमकर ने कहा कि झारखंड में नक्सलियों के खात्मे को लेकर जंगलों में अभियान चलाया जा रहा है। सुरक्षा बलों की कार्रवाई से नक्सलियों में हड़कंप मचा है। साथ ही सरकार की आत्मसमर्पण और पुर्नवास नीति के तहत नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्य धारा से जुड़ रहे है। इस आत्म समर्पण नीति के तहत कई बड़े नक्सलियों ने हथियार डाल दिया है। झारखंड में अभियान की वजह के चतरा के सभी माओवादी संगठन के सदस्य बिहार की ओर रुख कर रहे है।
चार महीने में 4 मुठभेड़
इस साल के चार महीने में ही चार बार मुठभेड़ हो चुकी है। 28 अप्रैल को एक बड़ी सफलता मिली। चतरा में मुठभेड़ के दौरान 25 लाख इनामी के साथ साथ तीन बड़े नक्सलियों को मार गिराया है। माओवादी संगठन के सफाया करने की दिशा में चतरा का वह दिन अपने आप में ऐतिहासिक है। उन्होंने दोहराया कि अगर आत्म समर्पण नहीं करेंगे तो मार गिराए जाएंगे।