प्राइमरी स्कूल में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल करने की मांग वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। इसके लिए बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ की ओर से याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि -बिहार लोक सेवा आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लंबित होने के बाद भी परिणाम जारी कर दिया है। जिससे बीएड डिग्री धारकों के साथ अन्याय हुआ है। बिहार लोक सेवा आयोग ने सुनवाई लंबित होने के बाद भी प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति का परिणाम जारी कर दिया है। जिसके बाद आज इस याचिका पर सुनवाई होगी।
बता दें कि बिहार मे 1.70 लाख से अधिक शिक्षकों की बहाली की गई थी। लेकिन अधिसूचना जारी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के एक मामले में सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया कि प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में बीएड डिग्री धारको की बजाय डीएलएड धारकों को नियुक्त किया जाएगा। प्राथमिक शिक्षकों के लिए बीएड की डिग्री मान्य नहीं होगी। जिसके बाद बिहार में भी बीएड धारकों को प्राइमरी स्कूल शिक्षक बहाली से बाहर कर दिया गया है। जिसके खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। लेकिन हाइकोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बिहार मे भी लागू करना होगा। उसके बाद इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी रिट याचिका दाखिल की गई है।
उसके बाद इस मामले में पिछले 13 अक्टूबर को जस्टिस एएस बोपन्ना और एम सुंदरेश की बेंच में सुनवाई हुई थी। बीएड अभ्यर्थियों का पक्ष रख रहे अधिवक्ता प्रशांत भूषण और निशा तिवारी ने कोर्ट को बताया था कि कोर्ट के इस फैसले के बाद छत्तीसगढ़ में भी पहले से चल रही बहाली प्रक्रिया में प्राथमिक शिक्षकों की बहाली में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल किया गया था। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केंद्रीय केंद्रीय विद्यालय में भी प्राथमिक में बीएड योग्यताधारी बहाल हुए हैं। इसके बाद अब वापस से संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुसार समानता का अधिकार की मांग करते हुए बिहार में भी चल रहे शिक्षक बहाली में बीएड को शामिल करने का निवेदन याचिकर्ताओं ने किया है।