DHANBAD: धनबाद रेलवे स्टेशन के दक्षिणी हिस्से के प्लेटफार्म संख्या 7 पर शुक्रवार को ट्रेन दुर्घटना हो गई। सूचना मिलने के बाद इमरजेंसी सायरन बजने लगा। देखते ही देखते वहां पर मदद के लिए लोग चीखने लगे। इस बीच घटना की सूचना मिलने के 20 मिटन के अंदर ही रेलवे की बचाव टीम मौके पर पहुंच गई। उनकी मदद के लिए NDRF के जवान भी रेस्क्यू में लग गए। आनन-फानन में घायलों को एम्बुलेंस में लादकर इलाज के लिए रेलवे अस्पताल भेजा गया। दरअसल ये रेलवे और एनडीआरएफ का संयुक्त मॉक ड्रिल था। जिसमें यह देखा गया कि अगर कोई रेल एक्सीडेंट हो जाए तो तत्काल कैसे रेस्क्यू किया जाएगा। मॉक ड्रिल की निगरानी खुद डीआरएम केके सिन्हा कर रहे थे।
रेलवे स्टेशन पर मॉक ड्रिल
रेलवे और एनडीआरफ की टीम की संयुक्त मॉक ड्रिल में ट्रेन एक्सीडेंट को दिखाया गया। राहत बचाव टीम को पैसेंजर ट्रेन की बोगी के पटरी से उतरने की खबर मिली थी। इसके बाद महज 20 मिनट में ही टीम घटना स्थल पर पहुंच गई। टीम ने वहां पहुंचते ही अपना काम शुरू कर दिया। इसके बाद लोगों को बाहर निकालने से लेकर सभी तरह की मॉक ड्रील टीम ने की। साथ ही यह भी देखा गया कि विपरीत परिस्थिति में हालात से कैसे निपटा जाएगा।
गोल्डन आवर में किया गया रेस्क्यू
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ट्रेन की बोगी के पटरी से उतरने के साथ दूसरी बोगी उसपर चढ़ गई। रेल प्रबंधन भी घटना की सूचना के बाद तत्काल एक्टिव मोड में आ गए । कंट्रोल रूम को भी इसकी सूचना दी गई। जिसके बाद रेलवे की आपदा प्रबंधन टीम रेलवे स्टेशन यार्ड के लिए रवाना हुई। इसके साथ ही एनडीआरएफ की टीम जो घटना के वक्त धनबाद से कुछ दूरी पर थी, उन्हें भी बुलाकर घटनास्थल पर तैनात किया गया। वहीं DRM ने बताया कि रेल दुर्घटना होने पर गोल्डन आवर में कैसे अधिक से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई जाए, इसकी तैयारी की समीक्षा के लिए मॉक ड्रिल किया गया है।