बीते दिन 14 दिसंबर को पटना में स्थित बिस्कोमान भवन के पास अजब नजारा देखने को मिला। बिस्कोमान टावर के सामने प्रशासन के कई लोग दौड़ते भागते दिखे। फायर ब्रिगेड की गाडियां वहां पहुंच गई। बिस्कोमान भवन पर वाटर कैनन चलवा दिया गया। इस घटना को लेकर आस-पास के हैरान भो गए। लोगों को लगा कि बिस्कोमान में कहीं आग लग गया है। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था। बिस्कोमान पर लगे नालंदा यूनिवर्सिटी के बोर्ड को हटाने के लिए वाटर कैनन चलवाया गया था। इस पूरे मामले को लेकर राजद एमएलसी व बिस्कोमान के अध्यक्ष डॉ. सुनील सिंह ने इशारों में सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है।
सुनील सिंह के निशाने पर नीतीश कुमार
सुनील सिंह हमेशा ही सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए नीतीश कुमार पर हमलवार रहते हैं। बिस्कोमान पर वाटर कैनन चलने को लेकर भी उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में नीतीश कुमार पर तंज कसा। उन्होंने लिखा कि “दुर्भाग्य है इस राज्य का कि शीर्ष पद पर बैठे हुए महानुभाव जी को बिस्कोमान के नाम से ही इतनी एलर्जी है कि बिस्कोमान के ऊपर लगे हुए नालंदा ओपन विश्वविद्यालय के बोर्ड को 2 घंटे में उखाड़ कर राजगीर के बगल नालन्दा में फेंकने का फरमान जारी कर दिया गया। लेकिन इसमें सबसे बड़ा सवाल यह है कि कुछ दिन पूर्व साहब जी पानी बगल में गिराने बोले थे, जबकि प्रशासन वाले उनके कहे हुए आदेश की अवहेलना करते हुए सारा पानी बिस्कोमान पर ही गिरा दिए!”
बिस्कोमान से हटाया गया नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी का बोर्ड
बता दें कि, नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी लंबे अर्से तक बिस्कोमान टावर के किराये के ऑफिस से ही चलता रहा था। करीब तीन महीने पहले राज्य सरकार ने इस यूनिवर्सिटी को नालंदा में अपने भवन में शिफ्ट कर दिया है। इसी साल 29 अगस्त को नीतीश कुमार ने नालंदा के सिलाव के पास नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी के नये भवन का उद्घाटन किया था। लेकिन कई दशकों तक बिस्कोमान टावर से चलने वाले नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी का बोर्ड अभी भी वहां टंगा हुआ था। बताया जा रहा है कि बीते दिन को जब सीएम नीतीश कुमार बिहार बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023 में शामिल होने के लिए इधर से गुजरे तो उन्होंने इस बोर्ड को देखा। इसके बाद उन्होंने उसे हटाने का आदेश दिया।