बक्सर के मूल निवासी और देहरादून में रहनेवाले 28 वर्षीय दिव्यांशु(बदला हुआ नाम) तीन माह तक डिप्रेशन में रहा। कारण, वो चलने में लाचार हो गया था। बाइक रेसिंग के दौरान चोट लगने से देहरादून में उसके दाहिने घुटने की दोनों गद्दी फट गई थी। इसके अलावा एसीएल( एंटेरियर कू्रसीट लिगामेंट) टूट गया था। वह पटना में ऑर्थोपेडिक सर्जन और स्पोट्र्स इंजरी विशेषज्ञ डॉ. अश्विनी कुमार पंकज से दिखाया। डॉ. पंकज ने हनुमान नगर स्थित गोविंद हॉस्पिटल में उसका ऑपरेशन किया। अब मरीज पूरी तरह ठीक है और पूर्व की अवस्था में आ गया है।
इसको लेकर डॉ. अश्विनी कुमार पंकज ने बताया कि मरीज के पैर में काफी दर्द रहता था। चलने पर पैर काफी लचकता था। इसकी वजह से अच्छे से चलना भी मुश्किल हो गया था। दिव्यांशु ने देहरादून, दिल्ली और पटना के कई डॉक्टरों को दिखाया। लेकिन कहीं उसकी समस्या पूरी तरह दूर कर के पूर्व की भांति करने का ठोस आश्वासन नहीं मिला। कई जगह गद्दी हटाने की सलाह डॉक्टर ने दी। ऐसे में पूर्व की भांति होना मुश्किल था। वह तीन माह तक इधर-उधर दिखाया। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जिसके बाद युवक ने डॉ. अश्विनी कुमार कुमार से दिखाया। अब वह बिल्कूल ठीक हो गया है। वहीं, डॉ. अश्विनी कुमार पंकज ने बताया कि मैंने ऑल इनसाइड तकनीक से उसके घुटने की गद्दी रिपेयर की। पैर के ही दूसरे हिस्से से ग्राफ्ट लेकर एसीएल (लिगामेंट)को पुन: बनाया। इस तरह घुटने की गद्दी हटाने की आवश्यकता नहीं पड़ी। अभी फॉलोअप में मरीज आया था। अब वह पूर्व की तरह ही चल-फिर रहा है। मरीज डिप्रेशन से भी निकल गया है।
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