फिलिस्तीन के गाजा में इजरायल-हमास के बीच आठ महीने से युद्ध चल रहा है। दोनों देशों में फिलहाल टकराव खत्म होता नहीं दिख रहा है। इस बीच, आयरलैंड, नॉर्वे और स्पेन ने औपचारिक रूप से फिलिस्तीन (Palestin) को एक राज्य के रूप में मान्यता देने के अपने फैसले की घोषणा की है, जिससे नाराज होकर यहूदी राज्य इजरायल ने आयरलैंड और नॉर्वे से अपने राजदूतों को तत्काल प्रभाव से वापस बुला लिया है।
स्पेन, आयरलैंड और नार्वे ने क्या कहा
स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने आज संसद को संबोधित किया। उन्होंने कहा, स्पेनिश लोगों के बहुमत को ध्यान में रखते हुए अगले मंगलवार (28 मई) को स्पेन मंत्रिपरिषद फिलिस्तीन को राज्य की मान्यता को मंजूरी देगा। शांति, न्याय और सुसंगति के लिए अब कथनी से करनी की ओर बढ़ने का समय आ गया है।
वहीं, आयरिश प्रधानमंत्री साइमन हैरिस ने बुधवार को कहा, इजरायल, फिलिस्तीन और उनके लोगों के बीच शांति और सुरक्षा के लिए टू स्टेट सॉल्यूशन ही एकमात्र विश्वसनीय मार्ग है। उन्होंने कहा, आज आयरलैंड, फिलिस्तीन को राज्य के रूप में मान्यता देता है। हमारा मानना है कि ये मान्यता मध्य पूर्व में शांति और सुलह में योगदान देगी।
इस मामले में नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोएरे का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा, उनका देश इस उम्मीद में एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देगा कि इससे इजरायल के साथ शांति लाने में मदद मिलेगी। स्टोएरे ने आगे कहा, युद्ध के बीच में हजारों लोगों की मौत और घायलों के साथ हमें एकमात्र ऐसी चीज को जीवित रखना चाहिए जो इजरायल और फिलिस्तीनियों दोनों के लिए एक सुरक्षित घर प्रदान कर सके, ताकि दो राज्य एक-दूसरे के साथ शांति से रह सकें।
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बता दें कि यूरोपीय संघ के कई देशों ने पिछले कुछ हफ्तों में संकेत दिए थे कि वो फलस्तीन को मान्यता देने की योजना बना रहे हैं, उनकी दलील है कि क्षेत्र में शांति के लिए द्वि-राष्ट्र समाधान आवश्यक है। नॉर्वे इजराइल और फलस्तीन के बीच द्वि-राष्ट्र समाधान का कट्टर समर्थक रहा है। वह यूरोपीय संघ का सदस्य नहीं है लेकिन इस मुद्दे पर उसका रुख भी यूरोपीय संघ के अन्य सदस्यों के समान है। उन्होंने कहा, ‘‘हमास और आतंकवादी समूहों ने आतंक फैलाया है जो द्वि-राष्ट्र समाधान और इजराइल सरकार के समर्थक नहीं हैं।