अयोध्या में जहाँ एक ओर सोमवार, 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए जबरदस्त उत्साह का माहौल देखा जा रहा है और इसके उपलक्ष्य में कई स्तरों पर तैयारियां भी की जा रही हैं, वहीँ दूसरी ओर इन तैयारियों और चहल पहल के कारण कारोबार जगत की चांदी ही चांदी हो गयी है। अयोध्या में इस जश्न के माहौल में व्यापारियों को करोड़ों का बिजनेस मिल रहा है। केवल अयोध्या के ही नहीं, बल्कि देश भर के व्यापारियों की पौ बारह हो गयी है।
कैट (कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स) (खुदरा व्यापारियों का संगठन) के अनुसार व्यापारियों ने बीते कुछ दिनों के भीतर राम मंदिर के चलते एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का बिजनेस किया है। कैट के अंतर्गत ‘हर शहर अयोध्या-घर घर अयोध्या’ राष्ट्रीय अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत दिल्ली और देश के सभी राज्यों के व्यापारी संगठनों ने 22 जनवरी को, जब राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी, तो कारोबारी अपने-अपने बाजार में अनेक प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करेंगे। जिसकी बड़े स्तर पर तैयारी भी की जा चुकी है। चूँकि ये सारे कार्यक्रम बाजारों में ही होंगे, इसलिए सोमवार को पूरे देश में व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों को खुला रखेंगे। वहीँ कल दिल्ली समेत देश के व्यापारी आम लोगों के साथ श्री राम मंदिर का जश्न मनाएंगे।
कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने मीडिया के हवाले से बताया कि सोमवार को देश भर में 30 हजार से अधिक कार्यक्रम होने जा रहे हैं। केवल दिल्ली में ही 2 हजार से अधिक कार्यक्रम होंगे। कैट महासचिव के अनुसार तो यह इस सदी का सबसे बड़ा दिन होगा, जब एक ही दिन एक साथ देश भर में इतने कार्यक्रम होंगे। वहीँ खंडेलवाल ने बताया कि जश्न के इस माहौल में लघु और कुटीर उद्योगों को भी पूरा फायदा मिल रहा है। उन्होंने बताया कि कल घरों, बाजारों, मंदिरों व अन्य स्थानों की सजावट करने के लिए फूलों की मांग से लेकर अन्य सजावटी सामानों जैसे रंग बिरंगे बल्बो के झालर, कागज़ी फीते, तरह तरह की बत्तियां, आदि की मांग अचानक से परवान चढ़ गयी है। वहीँ कुम्भारों के यहाँ रामलला की छोटी छोटी मूर्तियाँ, मिटटी के नाना प्रकार के बर्तन और मिट्टी के दीपक खरीदने वालों का भी तांता लगा हुआ है। हलवाईयों के यहाँ तो मिठाईयों की मांग को लेकर जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है। प्रसाद के लिये बड़े पैमाने पर मिठाईयों के साथ साथ फल मंडियों में फलों के क्रय के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पडा है। बाजार में राम और हनुमान की पताकाओं का तो जैसे अकाल ही पड़ गया है। रामलला 14 वर्षों के वनवास के बाद जब अपने धाम अयोध्या लौटे थे, तो धूमधाम से दिवाली मनाई गयी थी। इस बार भी जब 500 सालों के बाद प्रभु लौटे हैं तो दिवाली का जश्न क्यूँ न हो ! सच कहा जाए तो मात्र अयोध्या ही नहीं,अपितु पूरे देश भर में दिवाली का जबरदस्त माहौल बना हुआ है और इसी क्रम में बाजारों ,दुकानों और सडकों पर पटाखों से सजे काउंटर पर लोग जश्न मानाने के लिए तरह तरह के पटाखे खरीद रहे हैं। कुल मिलकर देखा जाए तो विश्व का कण-कण अब राममय हो चुका है।