संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर खूब सियासी बयानबाजी हो रही है। संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा भी देखें को मिल रहा है। बीते दिन को हंगामा करने को लेकर कांग्रेस के 9 सांसदों सहित कुल 14 सांसदों को लोकसभा से पूरे शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया। विपक्ष की तरफ से लगातार मांग की जा रही है कि गृह मंत्री अमित शाह, सुरक्षा में चूक को लेकर जवाब दें। इस पूरे मामले पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की भी पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने मामले को गंभीर बताते हुए गृह मंत्री अमित शाह से जवाब मांगा है।
तेजस्वी ने कहा -गृह मंत्री दें जवाब
संसद की सुरक्षा चूक पर तेजस्वी यादव ने कहा कि जिम्मेदारी तो सबकी है ही लेकिन आगे ऐसा ना हो इस ओर भारत सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। गृह मंत्री से लोग अपेक्षा कर रहे हैं कि इतना बड़ा हादसा हुआ है तो कम से कम सदन में आकर बात को रखें। गृह मंत्री सभी सांसदों के सामने वक्तव्य दें। सुरक्षा में चूक हुई है तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। हाई-टेक सुरक्षा होने के बाद भी यदि ऐसा कुछ हुआ है तो सरकार को इस मुद्दे को हल्के में नहीं लेना चाहिए। ये मामला काफी गंभीर है। संसद देश के लोकतंत्र का मंदिर है, जिसको सबसे सुरक्षित स्थल के रूप में जाना जाता है वहां की सुरक्षा में चूक होना गंभीर बात है। लोगों की मामले पर राजनीति से हटकर इसपर ध्यान देना चाहिए।”
कांग्रेस ने भी अमित शाह से मांगा जवाब
संसद की सुरक्षा में चूक पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि जब भी ऐसी घटना घटती है तो उससे जुड़े मंत्री संसद में उसपर बयान देते हैं। हमारे गृहमंत्री इतने अहंकारी हैं कि वे टीवी चैनल पर जाकर इसपर विस्तार से बात करते हैं लेकिन वही बात वे संसद में बोलने के लिए तैयार नहीं है। हमारे सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में बयान की मांग की लेकिन सरकार ने इसे नहीं माना। यही एक मात्र कारण है जिसकी वजह से कोई कार्यवाही नहीं हो पाई।
उन्होंने कहा कि जब तक गृह मंत्री संसद के दोनों सदनों में आकर बयान नहीं देंगे, तब तक सदन चलने की संभावना बहुत कम है। अभी भी शीतकालीन सत्र के 4 दिन बचे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, I.N.D.I.A गठबंधन के सभी नेताओं ने राज्यसभा के अध्यक्ष को इस मांग के बारे में सूचित किया। गृह मंत्री को आना चाहिए, सदन में बोलना चाहिए, ऐसे सवाल होंगे जिनका उन्हें जवाब देना होगा। उसके बाद सदन की कार्यवाही चल सकेगी।