गुजरात में 2017 का चुनाव सबसे चुनौतीपूर्ण भाजपा के लिए था। 1990 के बाद पहली बार ऐसा मौका आया, जब भाजपा को 100 से कम सीटें मिली। दूसरी ओर कांग्रेस ने चुनाव में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया था। लेकिन पांच सालों में भाजपा ने वो कारण ही समाप्त कर दिया है, जिसके कारण वो पिछड़े थे।
Read Also : गुजरात विधानसभा चुनाव में मतदान 1 व 5 दिसंबर को, मतगणना 8 को
पाटीदार आंदोलन के हीरो अब भाजपा में
पाटीदारों को आरक्षण देने के मुद्दे पर गुजरात में चले आंदोलन ने भाजपा को 2017 में खासा नुकसान किया। भाजपा 99 सीटों पर सिमट गई। यह 1990 के चुनाव के बाद भाजपा को मिली सबसे कम सीटें थीं। जिस पाटीदार आंदोलन के कारण भाजपा को नुकसान हुआ था, उसके हीरो थे हार्दिक पटेल। अब पिछले चुनाव और 2022 के चुनाव के बीच में हार्दिक पटेल कांग्रेस से होते हुए भाजपा में शामिल हो चुके हैं। पाटीदार आंदोलन की आग भी शांत हो चुकी है।
नई चुनौती बनी है AAP
भाजपा ने पिछले सभी चुनाव में सीधे कांग्रेस से मुकाबला किया है। लेकिन इस बार मुकाबले में आम आदमी पार्टी भी कूद गई है। यह पहली बार हो रहा है कि गुजरात में भाजपा और कांग्रेस के अलावा AAP भी सभी 182 सीटों पर उम्मीदवार खड़े कर रही है। हालांकि इससे बेफिक्र भाजपा ने गुजरात में सीएम पद के उम्मीदवार के रूप में भूपेंद्र पटेल का ही नाम आगे रखा है। जबकि AAP सीएम पद के उम्मीदवार के लिए वोटिंग करा रही है।