आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी उठा-पटक जारी है। सीट बंटवारे को लेकर एक तरफ जहां NDA क्लियर है, तो वहीं इंडिया महागठबंधन में लगातार बैठकों का दौर जारी है। वहीं इस बीच नेताओं द्वारा एक दूसरे पर तंज कसने का दौर भी जारी है। एक मौका कोई नेता छोड़ना नहीं चाह रहे हैं। इस बीच मोदी कैबिनेट में मंत्री रहे पशुपति पारस के इस्तीफे पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने तंज कसा है।
केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पशुपति पारस ने कहा कि हमारे साथ व्यक्तिगत तौर पर नाइंसाफी हुई है अन्याय हुआ है। पशुपति पारस के इस बयान पर एनडीए के घटक दल हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी ने बड़ा बयान दिया है।
मांझी ने कहा कि पशुपति पारस दो तरह की बात बोलते हैं। पहले तो बोल रहे थे कि वो एनडीए के सिपाही हैं। यदि वो एनडीए के सिपाही हैं तो जो आदेश होता उसका पालन करते लेकिन वो मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिये। इसका मतलब यह हुआ कि वो एनडीए के सच्चे सिपाही नहीं थे। मांझी ने आगे कहा कि सेनापति का आदेश हुआ कि उनको (पशुपति पारस) टिकट नहीं मिलेगा तो उसका पालन करना चाहिए था। उसके बाद खुद इस्तीफा दे दिया और अगला कोई कदम उठाएंगे। इसका मतलब है कि एनडीए का सिपाही कहना उनका छल था, जो उन्होंने किया है। इसे हम अच्छा नहीं मानते हैं।