बिहार के सीएम नीतीश कुमार सत्ता के वर्ल्ड कप यानी 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार चाहते हैं। इसके लिए नीतीश कुमार ने टीम भी तैयार कर ली थी। लेकिन फाइनल मुकाबले से पहले एक एक कर उनके विकेट धराशायी होते जा रहे हैं। नीतीश कुमार पहले ही हिट विकेट हो चुके हैं। यानी उन्होंने खुद पीएम बनने की दावेदारी से नाम वापस ले लिया है। जबकि उनकी टीम के दूसरे सदस्य लगातार उनके ‘कंट्रोल’ से बाहर जा रहे हैं। एक महीने में छह राज्यों का दौरा कर नीतीश कुमार ने अपनी प्लेइंग 11 का चयन किया था। लेकिन उनके दौरे के बाद अब उनके टीम के खिलाड़ी बाहर हो रहे हैं।
Modi और BJP के लिए काम कर रहे हैं Nitish Kumar?
ममता बनर्जी अब कांग्रेस के पाले में
नीतीश कुमार ने एक महीने में छह राज्यों का दौरा और 11 बड़े नेताओं से मुलाकात। 12 अप्रैल 2023 से 11 मई 2023 तक ठीक एक महीना हुआ है और इस दौरान नीतीश कुमार दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ, रांची, भुवनेश्वर और मुंबई होकर पटना वापस लौट आए हैं। इस दौरे में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से भी उनकी मुलाकात हुई। मुलाकात में यह बात भी बनी कि विपक्षी एकता के लिए नीतीश कुमार के प्रयास को वे समर्थन देंगी। यही नहीं ममता बनर्जी ने पटना में विपक्षी दलों की संयुक्त बैठक बुलाने का आग्रह भी नीतीश कुमार से किया। लेकिन अब ममता बनर्जी कांग्रेस के पाले आ गई हैं। कर्नाटक में कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि जहां भी कांग्रेस मजबूत होगी, हम उसका समर्थन करेंगे। हालांकि ममता बनर्जी ने अपने समर्थन के लिए शर्त यह रखी है कि बंगाल में कांग्रेस ममता से न लड़े।
नवीन पटनायक ने दिया था सबसे पहला झटका
12 अप्रैल से शुरू हुए नीतीश कुमार के दौरे में 9 मई को सब गड़बड़ हो गया। उस दिन नीतीश कुमार ओड़िशा के सीएम नवीन पटनायक से मिलने भुवनेश्वर पहुंचे थे। यहां पहुंच कर नीतीश कुमार ने नवीन पटनायक से साथ अपनी पुरानी दोस्ती को गठबंधन की रिश्तेदारी में बांधने की कोशिश की। लेकिन नवीन पटनायक ने साफ कर दिया कि उनके रास्ते अलग ही रहेंगे। यह नीतीश कुमार के लिए पहला झटका था। इसके बाद शरद पवार से मिलने पहुंचे नीतीश कुमार ने वहीं ऐलान कर दिया कि शरद पवार अगर विपक्षी एकता का चेहरा बनते हैं तो सबसे बेहतर होगा। अब हालत ये हो गई है कि कांग्रेस का नेतृत्व नीतीश को मंजूर नहीं था। नवीन पटनायक ने उन्हें भाव नहीं दिया। तो ममता ने भी कांग्रेस की राह पकड़ ली। तृणमूल कांग्रेस तीसरी ऐसी पार्टी है, जो नीतीश कुमार के मुहिम को झटका दिया है।