तीन दिन पहले लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में कहा है कि वह माताओं-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे। फिर कांग्रेस उसे मुसलमानों में बांट देगी। मंगलसूत्र को भी नहीं बख्शेगी। अब सवाल है कि देश में विभिन्न संप्रदायों के पास कितना सोना, धन या संपत्ति है। इसकी जानकारी आईसीएसएसआर से मान्यता प्राप्त अनुसंधान संस्थान, भारतीय दलित अध्ययन संस्थान की ओर से साल 2020 में प्रकाशित ‘भारत में धन स्वामित्व में अंतर समूह असमानता पर अध्ययन रिपोर्ट’ में है। रिपोर्ट में नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) और भारतीय आर्थिक जनगणना द्वारा हुए अखिल भारतीय ऋण और निवेश सर्वेक्षण के डाटा का इस्तेमाल हुआ है। रिपोर्ट की मानें तो एससी-एसटी और मुसलमानों के पास सबसे कम संपत्ति है।
हिंदू उच्च जातियों के पास 41% संपत्ति
रिपोर्ट के मुताबिक देश की कुल संपत्ति का लगभग 41% हिंदू उच्च जातियों के पास है। उसके बाद हिंदू ओबीसी (31% संपत्ति) हैं। वहीं, मुसलमानों, एससी-एसटी के पास क्रमशः 8%, 7.3% और 3.7% संपत्ति है। रिपोर्ट में बताया गया है कि हिंदू उच्च जातियों के स्वामित्व वाली संपत्ति का कुल मूल्य 1,46,394 अरब रुपए है, जो एसटी के स्वामित्व वाली संपत्ति (13,268 अरब रुपए) का लगभग 11 गुना अधिक है। मुस्लिमों के पास अनुमानत: 28707 अरब रुपए की संपत्ति है। वहीं, साल 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में हिंदुओं की आबादी 79.80%, मुस्लिमों की आबादी 14.23% है।
मुस्लिम उच्च जातियों के पास अधिक संपत्ति नहीं : रिपोर्ट
हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सामाजिक समूहों में औसत संपत्ति/एमपीसीई की तुलना से साफ होता है कि गैर-एससी/एसटी/ओबीसी मुसलमानों की औसत संपत्ति गैर-एससी/ एसटी/ओबीसी हिंदुओं से कम है। साथ ही हिंदू ओबीसी से भी कम है। इससे स्पष्ट है कि मुस्लिम ऊंची जातियों के पास अधिक संपत्ति होने के दावे सच नहीं हैं।
हिंदू ओबीसी के पास सोने का सबसे बड़ा हिस्सा
प्रति परिवार संपत्ति का औसत मूल्य 15.04 लाख रुपए था। मगर, सामाजिक समूहों के बीच यह अलग-अलग है। औसत घरेलू संपत्ति हिंदू उच्च जातियों के पास सबसे ज्यादा (27.73 लाख रुपए) थी। इसके बाद हिंदू ओबीसी (12.96 लाख रुपए) थे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मुसलमान परिवारों की औसत संपत्ति (9.95 लाख रुपए) एसटी (6.13 लाख रुपए) और एससी (6.12 लाख रुपए) परिवारों की तुलना में अधिक थी। अध्ययन के मुताबिक, हिंदू ओबीसी के पास सोने का सबसे बड़ा हिस्सा (39.1%) है। इसके बाद हिंदू उच्च जातियों 31.3% था। मुस्लिमों की हिस्सेदारी 9.2% है, जो सिर्फ एसटी (3.4%) से अधिक है।