झारखंड में कुल 14 लोकसभा सीटें हैं। इन 14 में से 11 लोकसभा सीटों पर हार-जीत का फैसला ग्रामीण मतदाताओं के हाथ में होता है। क्योंकि आदिवासी समाज की भूमि कही जाने वाली झारखंड के इस 11 लोकसभा सीटों पर ग्रामीण मतदाताओं की संख्या अधिक है। इन 11 सीटों में 6 सीटें तो ऐसी हैं जहां ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 90 फीसदी या उससे भी अधिक है। बाकी बचे तीन सीटों पर शहरी मतदाताओं की संख्या अधिक देखने को मिलती है। इन तीन सीटों में रांची, धनबाद और जमशेदपुर शामिल है। झारखंड के अधिकतर सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाने वाले ग्रामीण मतदाताओं को सभी पार्टिया लुभाने में लगी हैं।
झारखंड के 14 लोकसभा सीटों में चतरा संसदीय सीट ग्रामीण मतदाताओं को लेकर सबसे अधिक चर्चा में देखने को मिलता है। इस संसदीय क्षेत्र में आने वाले विधानसभा सीटों में सिमरिया, चतरा, लातेहार, मनिका, पांकी शामिल है। यहां से ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 95.3 फीसदी के करीब है। तो वहीं शहरी मतदाताओं की संख्या 4.7 फीसदी के करीब में है।
अब बात करते हैं दद्मका संसदीय सीट की। इस लोकसभा सीट पर भी ग्रामीण मतदाता चुनावी परिणाम में अपनी निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इस सीट पर ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 92.7 फीसदी के करीब में है। तो वहीं शहरी मतदाताओं की संख्या महज 7.3 प्रतिशत है।
बात करें खूंटी संसदीय क्षेत्र की, तो यहां ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 93.3 फीसदी के करीब में है। शहरी वोटरों की संख्या 6.7 फीसदी है।
कोडरमा संसदीय सीट की बात करें तो यहां ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 93.4 फीसदी है। शहरी मतदाताओं की संख्या 6.6 प्रतिशत है।
इसके बाद लोहरदगा सीट पर ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 93.5 फीसदी है। वहीं शहरी मतदाताओं की संख्या 6.5 फीसदी है।
अब बात करते हैं उन सीटों की जहां ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 60 से 90 प्रतिशत के करीब में है। इसमें गिरिडीह संसदीय सीट शामिल है। यहां ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 10 लाख 28 हजार 512 है। गोड्डा संसदीय सीट में ग्रामीण वोटरों की संख्या 15 लाख 28 हजार 998 है। हजारीबाग संसदीय सीट पर ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 12 लाख 9 हजार 299 है। पलामू संसदीय सीट पर ग्रामीण वोटरों की संख्या 17 लाख 36 हजार 979 हैं। संताल के राजमहल सीट पर ग्रामीण वोटर 12 लाख 80 हजार 243 के करीब में हैं। सिंहभूमि संसदीय सीट पर ग्रामीण वोटरों की संख्या 9 लाख 96 हजार 711 है। आखिरी में बात करें रांची की तो यहां ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 47.5 फीसदी के करीब में है।
झारखंड में कुल 14 लोकसभा सीटें हैं। इन 14 में से 11 लोकसभा सीटों पर हार-जीत का फैसला ग्रामीण मतदाताओं के हाथ में होता है। क्योंकि आदिवासी समाज की भूमि कही जाने वाली झारखंड के इस 11 लोकसभा सीटों पर ग्रामीण मतदाताओं की संख्या अधिक है। इन 11 सीटों में 6 सीटें तो ऐसी हैं जहां ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 90 फीसदी या उससे भी अधिक है। बाकी बचे तीन सीटों पर शहरी मतदाताओं की संख्या अधिक देखने को मिलती है। इन तीन सीटों में रांची, धनबाद और जमशेदपुर शामिल है। झारखंड के अधिकतर सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाने वाले ग्रामीण मतदाताओं को सभी पार्टिया लुभाने में लगी हैं।
झारखंड के 14 लोकसभा सीटों में चतरा संसदीय सीट ग्रामीण मतदाताओं को लेकर सबसे अधिक चर्चा में देखने को मिलता है। इस संसदीय क्षेत्र में आने वाले विधानसभा सीटों में सिमरिया, चतरा, लातेहार, मनिका, पांकी शामिल है। यहां से ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 95.3 फीसदी के करीब है। तो वहीं शहरी मतदाताओं की संख्या 4.7 फीसदी के करीब में है।
अब बात करते हैं दद्मका संसदीय सीट की। इस लोकसभा सीट पर भी ग्रामीण मतदाता चुनावी परिणाम में अपनी निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इस सीट पर ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 92.7 फीसदी के करीब में है। तो वहीं शहरी मतदाताओं की संख्या महज 7.3 प्रतिशत है।
बात करें खूंटी संसदीय क्षेत्र की, तो यहां ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 93.3 फीसदी के करीब में है। शहरी वोटरों की संख्या 6.7 फीसदी है।
कोडरमा संसदीय सीट की बात करें तो यहां ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 93.4 फीसदी है। शहरी मतदाताओं की संख्या 6.6 प्रतिशत है।
इसके बाद लोहरदगा सीट पर ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 93.5 फीसदी है। वहीं शहरी मतदाताओं की संख्या 6.5 फीसदी है।
अब बात करते हैं उन सीटों की जहां ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 60 से 90 प्रतिशत के करीब में है। इसमें गिरिडीह संसदीय सीट शामिल है। यहां ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 10 लाख 28 हजार 512 है। गोड्डा संसदीय सीट में ग्रामीण वोटरों की संख्या 15 लाख 28 हजार 998 है। हजारीबाग संसदीय सीट पर ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 12 लाख 9 हजार 299 है। पलामू संसदीय सीट पर ग्रामीण वोटरों की संख्या 17 लाख 36 हजार 979 हैं। संताल के राजमहल सीट पर ग्रामीण वोटर 12 लाख 80 हजार 243 के करीब में हैं। सिंहभूमि संसदीय सीट पर ग्रामीण वोटरों की संख्या 9 लाख 96 हजार 711 है। आखिरी में बात करें रांची की तो यहां ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 47.5 फीसदी के करीब में है।