बिहार शिक्षा विभाग में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. कमजोर छात्रों के लिए गर्मी की छुट्टी में लगाई गईं विशेष कक्षाओं से 438 शिक्षक गायब पाए गए. विभाग ने इन शिक्षकों की लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए वेतन कटौती की कार्रवाई की है.
434 शिक्षकों का वेतन कटा
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश पर राज्य के सरकारी स्कूलों में कमजोर छात्रों के लिए 15 अप्रैल से ही गर्मी की छुट्टी में विशेष कक्षाएं चल रही हैं. इन कक्षाओं में बच्चों की उपस्थिति अच्छी रही, लेकिन विभाग के निरीक्षण में 438 शिक्षक गायब मिले. विभाग ने इनमें से 434 शिक्षकों पर वेतन कटौती की कार्रवाई की है. वहीं, लखीसराय जिले के 4 शिक्षक ही ऐसे रहे जो इन कक्षाओं में उपस्थित पाए गए.
38 जिलों में 61 हजार स्कूलों का निरीक्षण
शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी 38 जिलों के 61 हजार 853 स्कूलों का निरीक्षण कराया. इनमें से सिर्फ 10 हजार 799 स्कूलों में ही निरीक्षण करने वाले अधिकारी नहीं पहुंच पाए. वहीं, जिन स्कूलों का निरीक्षण हुआ, वहां करीब 32 लाख छात्र विशेष कक्षाओं में उपस्थित मिले.
कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति कैसी रही?
विभागीय आंकड़ों के मुताबिक मिशन दक्ष के तहत तीसरी से आठवीं कक्षा तक के कमजोर छात्रों के लिए चल रही विशेष कक्षाओं में 65.87 फीसदी छात्र उपस्थित रहे. वहीं, 5वीं और 8वीं की परीक्षा में फेल या शामिल नहीं होने वाले छात्रों के लिए लगी कक्षाओं में 43.16 फीसदी उपस्थिति दर्ज की गई. इसके अलावा, 9वीं और 11वीं की परीक्षा में फेल या शामिल नहीं होने वाले छात्रों के लिए आयोजित विशेष कक्षाओं में 46.55 फीसदी छात्र उपस्थित पाए गए.
विभाग का प्रयास सराहनीय, पर शिक्षकों की लापरवाही बनी चिंता
बिहार शिक्षा विभाग का कमजोर छात्रों के लिए गर्मी की छुट्टी में विशेष कक्षाएं लगाने का प्रयास सराहनीय है. इससे छात्रों की पढ़ाई में सुधार होने की उम्मीद है. हालांकि, बड़ी संख्या में शिक्षकों की गैरहाजरी विभाग के लिए चिंता का विषय है. ऐसे में विभाग को चाहिए कि वह कड़े कदम उठाकर यह सुनिश्चित करे कि विशेष कक्षाएं प्रभावी ढंग से चलें और कमजोर छात्रों को पूरा लाभ मिले.