छपरा सदर अस्पताल लगातार अपने कारनामों से सुर्खियों मे छाए हुए है। कभी अस्पताल के बिगड़ी व्यवस्था पर चर्चा में रहता है, तो कभी घोटालों में नाम आगे रहता है। मरीज यहां भगवान का दरबार समझ कर पहुँचते है लेकिन भगवान की जगह यमराज द्वारपाल की भूमिका मे नजर आते है। यहां यमराज (अस्पतालो के दलाल) ही तय करते और कि किस मरीज को कहाँ जाना है यमलोक या सवर्ग लोक। बात कर रहे है सदर अस्पताल की व्यवस्था पर जहाँ स्वास्थ्य मंत्री सह उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बिहार के अस्पताल को सभी सुविधा प्रदान करने का दावा कर रहे है लेकिन यहाँ हालत कुछ और ही देखने को मिल रहा है।
जितेंद्र कुमार ने बताया कि लगातार दो दिनों से अनियांत्रित वाहन की चपेट मे आने से दो दो जगहों पर बारातियों से भरा वाहन दुर्घटना का शिकार हो गया। सभी घायलों को सदर अस्पताल छपरा पहुँचाया गया। लेकिन घायल के पहुँचते ही यमराज महाराज (दलाल) द्वारापाल कि डियूटी पर मौजूद हो जाते है। चिकित्सक अपने कक्ष में नहीं बल्कि बोर्ड पर नजर आते है। दलाल मरीज की बोली लगा कर निजी अस्पतालो मे भेज रहे है। जिससे गरीब मरीज परेशान हो रहे है। कई मरीज पैसे के आभाव मे अपनी जान दे रहे है। खुन के आभाव मे मजबूरन दलालों के हाथों बिकने को मजबूर है। अलाधिकारी सरकार के दरबार मे हाजरी लगाकर अपनी व्यवस्था पर अवार्ड ले रहे है।