आम्रपाली ग्रुप के प्रबंध निदेशक अनिल शर्मा के ऊपर CBI ने केस दर्ज की है। अनिल शर्मा के साथ-साथ 6 अन्य लोगों के ऊपर भी हत्या का आरोप है। मर्डर के केस को लेकर पटना हाईकोर्ट ने CBI के जांच का निर्देश दिया था। अब इस मामले पर पूरी जांनकारी जुटाने के बाद ही CBI द्वारा यह एक्शन लिया गया है।
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वर्ष 2014 में बालिका विद्यापीठ के सचिव डॉ. शरद चंद्र की हत्या हुई थी
बताया जा रहा है कि यह मामला वर्ष 2014 का है। 2 अगस्त 2014 को लखीसराय में बालिका विद्यापीठ के पूर्व सचिव डॉ. शरद चंद्र की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। घर में न्यूज पेपर पढ़ने के दौरान उनकी हत्या की गयी थी। तब इस मामले की जांच CID कर रही थी लेकिन जांच पर सवाल उठाते हुए मृतक शरद चंद्र की पत्नी उषा देवी ने पटना हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दाखिल की। जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में CBI को जांच का जिम्मा सौंप दिया।
CBI के दर्ज FIR में जानकारी
वही आज CBI ने बड़ी कार्रवाई के साथ अनिल शर्मा सहित 6 लोगों के खिलाफ केस फ़ाइल की है। CBI द्वारा दर्ज FIR में यह बताया गया है कि साल 2009 में डॉ. प्रवीण कुमार, श्याम सुंदर प्रशाद और राजेंद्र सिंघानिया की मदद से अनिल शर्मा ने बालिका विद्यापीठ का ट्रस्ट हड़प लिया था। इसके साथ ही मृतक शरद चंद्र और शंभु शरण सिंह को वहां से हटा दिया था। इसके बाद से ही इन दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया था।
2009 से शुरू हुआ था विवाद
आगे CBI ने अपने FIR में बताया कि विवाद शुरू होते ही डॉ. प्रवीण कुमार और श्याम सुंदर प्रशाद पर यह आरोप लगा था कि यह दोनों बालिका विद्यापीठ ट्रस्ट का इनकम अपने पर्सनल अकाउंट में रख रहे थे। इस बात का विरोध मृतक शरद चंद्र ने किया। साथ ही यह भी खुलासा किया था कि यह दोनों गलत तरीके से ट्रस्ट के पैसे को हड़प रहे थे। वही मृतक शरद चंद्र को बार-बार धमकाया भी जाता था। उनके घर पर अटैक भी किया जाता था। लेकिन 2 अगस्त 2014 की सुबह जब शरद चंद्र अपने बरामदे में चाय पी रहे थे और पेपर पढ़ रहे थे। तभी बाइक सवार दो अपराधी गेट पर आए और उनपर गोली चला दी। मृतक शरद चंद्र की पत्नी उषा देवी उन्हें बचाने पहुंची तब तक उनकी जान जा चुकी थी।