बिहार में हेल्पलाइन नंबर 1930 और साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर हर दिन औसतन 4300 से ज्यादा कॉल आ रही हैं। इन कॉलों के द्वारा लोग साइबर अपराधियों के शिकार होने या ठगे जाने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्हें बिजली कटौती के डर के बहाने भुगतान के लिए लिंक भेजा जाता है, किसी दुर्घटना या फंसे होने का हवाला देकर दूसरे नंबर पर पैसे मांगे जाते हैं, ओटीपी पूछकर बैंक खाते से पैसे निकाले जाते हैं, या एनी जैसा ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है। इनमें से कई मामले बैंकिंग ऐप के जरिए किए जा रहे धोखाधड़ी के हैं।
साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर आए दिन मामले पहुंच रहे हैं, जिस पर आर्थिक अपराध इकाई तेजी से काम कर रही है। लेकिन इसके बावजूद, साइबर ठग अपने नेटवर्क और तरीकों को मजबूत कर धोखाधड़ी करने में जुटे हुए हैं। आर्थिक अपराध इकाई के आंकड़ों के मुताबिक, हर दिन वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े औसतन 130 मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
निजी कंपनी में काम करने वाले चेतन आनंद को व्हाट्सएप पर कॉल कर एक शख्स ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए कहा कि उनका बेटा रेप के मामले में पकड़ा गया है। फिर उसने चिल्लाते हुए लड़के को फोन दिया और कहा, “बात करो।” दूसरी तरफ से उसके बेटे की पिटाई से बार-बार चिल्लाने की आवाज आ रही थी।
इसके बाद उस व्यक्ति ने एक नंबर भेजा और कहा कि तुरंत 50 हजार रुपये भेजो, बेटे को छोड़ दूंगा। हालांकि, चेतन ने थोड़ी चतुराई दिखाते हुए उस शख्स को फोन पर बिजी रखा और दूसरे फोन से अपने बेटे से संपर्क करने की कोशिश की। जब उन्हें यकीन हो गया कि उनका बेटा सुरक्षित है तो उन्होंने ठग को गालियां दीं और फोन काट दिया।