बिहार सरकार के कई मंत्री इनदिनों अपने विवादित बयानों को लेकर खुब चर्चा में बने हुए हैं। उनकी पार्टी के तरफ से चेतावनी जारी होने के बाद भी मामने को तैयार नहीं हो रहे हैं। जैसे ही कोई विवाद शांत पड़ता है वैसे किसी नए मंत्री के द्वारा एक नया बयान दे दिया जाता है। जिसके बाद विवादों की कड़ी आगे बढ़ाते चली जाती है। ऐसे ही बिहार सरकार के एक मंत्री आलोक मेहता के बयानों को लेकर पिछले कुछ समय से खुब विवाद हो रहा है।
जिसमें उन्होंने EWS आरक्षण को लेकर कहा कि जिन्हें आज 10% में गिना जाता है वह पहले मंदिर में घंटी बजाते थे और अंग्रेजों के दलाल थे। इस बयान के बाद उन्हें कॉल पर जान से मरने की धमकी मिली थी। इस धमकी पर खुद मंत्री आलोक मेहता की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने साफ कहा है कि उन्हें धमकी से डर नहीं लगता है।
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‘गाली देने वालों का चूल हिला देंगे’
जान से मारने की धमकी को लेकर मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि उनके रगों में जगदेव प्रसाद का खून दौड़ रहा है। इसलिए वो किसी भी धमकी से डरते नहीं है। उन्होंने कहा कि जिसे जो करना है करे मैं 90% गरीब, पिछड़े, दलित, किसानों की लड़ाई लड़ाता रहूँगा। मैंने अपने बयानों को लेकर पहले ही सबकुछ साफ कर दिया है कि मेरा उद्देश्य किसी भी जाति वर्ग का अपमान करना नहीं था। इसके बाद भी जो लोग सोशल मीडिया पर गाली दे रहे हैं। वो औकात में रहे वरना उनकी चूल हिला कर देंगे। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जबतक गरीबों के मसीहा लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव हैं तबतक कोई भी गरीबों से उनका हक नहीं छीन सकता है।