बिहार के गेस्ट टीचरों को नौकरी से हटाए जाने के बाद ये लोग कल पटना में सीएम आवास का घेराव करने जा रहे थे। तभी पुलिस ने इनको रोक दिया। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने इन पर लाठीचार्ज कर दिया। इसको लेकर जन सुराज पदयात्रा पर निकले प्रशांत किशोर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ये दुखद है, नीतीश कुमार को सत्ता से हटने का डर खत्म हो गया है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार में पटना में लाठीचार्ज कराने का नियम बन गया है। सरकार ने एक फिक्स्ड पैरामीटर बनाया है कि लोगों को डाक बंगला चौराहा, बेली रोड, हड़ताली चौराहे पर घेरों और लाठियों से पिटवाओ। मुख्यमंत्री या उनके मंत्रियों पर कोई परेशानी नहीं आनी चाहिए। ये कहीं न कहीं दिखाता है कि नीतीश कुमार के दिमाग में बैठ गया है कि हम काम करें या न करें, जनता में कितना भी रोष हो कोई न कोई जुगाड़ लगाकर मुख्यमंत्री मुझको ही बने रहना है।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि अतिथि शिक्षकों पर जो लाठीचार्ज किया गया, ये कोई नई बात नहीं है। कोई शिक्षक चला जाए उस पर भी लाठीचार्ज, बेरोजगार बच्चे जा रहे हैं उन पर भी लाठीचार्ज, सरपंच गए उन पर भी लाठीचार्ज, मुखिया गए उन पर भी लाठीचार्ज किया जा रहा है। नीतीश कुमार जैसे नेताओं को पता है कि जिसने भी लाठी खाया है वो कल जाति के नाम पर फिर उसी दल को वोट करेगा जिसने उसे लाठी से मारी है।
प्रशांत किशोर ने लोगों को उनके वोट की ताकत को समझाते हुए कहा कि इस सरकार की ये छवि बन गई है कि पटना में लोग जब अपनी बात को लेकर जाते हैं, चाहे वे जिस भी वर्ग के हों, वो रसोईया हों, आंगनबाड़ी वर्कर हों, आशा वर्कर हों, कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारी हों, हमने देखा है कि बीते एक साल में हर वर्ग के लोग पटना गए और लाठी खाए।