पटना साहिब लोकसभा सीट से भाजपा के रविशंकर प्रसाद ने जीत दर्ज कर ली है। वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस के अंशुल अविजीत रहे हैं। पटना साहिब सीट के लिए सातवें और अंतिम चरण में 1 जून को मतदान हुआ था। पटना साहिब लोकसभा सीट पर एनडीए की ओर से भाजपा प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद और कांग्रेस की ओर से अंशुल अविजीत चुनावी मैदान में थे। इन्हीं दोनों के बीच मुख्य मुकाबला था।
नए परिसीमन के बाद पटना साहिब संसदीय क्षेत्र के रूप में अस्तित्व में आया। 2009 में लोकसभा चुनाव हुआ तो यहां से भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा चुनाव जीते। 2014 का चुनाव भी जीता। 2019 में पार्टी ने रविशंकर प्रसाद को मैदान में उतारा और वह भी जीते। यानी, यह क्षेत्र जब से अस्तित्व में आया, सीट भाजपा के पास ही रही।
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शत्रुघ्न सिन्हा बालीवुड स्टार थे, पर भाजपा में रहते हुए राजनेता के रूप में कहीं अधिक चर्चित हुए। पार्टी छोड़ी, कांग्रेस से चुनाव लड़ा और 2019 में रविशंकर प्रसाद से पराजित हो गए। इस बार के चुनाव में भी एनडीए से भाजपा प्रत्याशी पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ही मैदान में थे। उनके मुकाबले ने इंडी गठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अंशुल अविजित थे। अंशुल पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के पुत्र हैं। ये भी उच्च शिक्षित हैं, विदेश से पढ़ाई की है।
पटना साहिब लोकसभा सीट पर जातीय समीकरण के आधार पर कायस्थों का दबदबा रहा है। यहां कायस्थों के बाद यादव और राजपूत वोटरों का बोलबाला है। पिछले दो लोकसभा चुनावों से पटना साहिब सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार नंबर दो पर रहते हैं। पटना साहिब सीट पर कायस्थ मतदाताओं का झुकाव बीजेपी के पक्ष में रहता है, ऐसे में 2019 का चुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा के कांग्रेस के टिकट पर उतरने से यहां मुकाबला दिलचस्प हो गया था।
2019 का जनादेश
2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी के रविशंकर प्रसाद ने जीत हासिल की, उन्हें 6,07,506 वोट मिले थे। तो वहीं कांग्रेस के स्टार उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा 3,22,849 वोटों से दूसरे स्थान पर रहे थे।
2014 का जनादेश
2014 के चुनाव में पटना साहिब सीट पर शत्रुघ्न सिन्हा विजयी रहे। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी कुणाल सिंह को हराया। सिन्हा को 485,905 वोट मिले जबकि कुणाल सिंह को 220,100 वोट। सिन्हा को 55.04 प्रतिशत वोट मिले थे और कुणाल सिंह को 24.93 प्रतिशत। हालांकि बीजेपी के शत्रुघ्न सिन्हा को पिछले चुनाव की तुलना में 2014 में वोट शेयर 2.26 प्रतिशत तक घट गए लेकिन कांग्रेस का वोट शेयर 13.83 प्रतिशत बढ़ गया। यहां तीसरे स्थान पर जेडीयू के डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा रहे थे जिन्हें 91,024 वोट मिले. चौथे स्थान पर आम आदमी पार्टी की परवीन अमानुल्ला रहीं और पांचवें स्थान पर सपा के उमेश कुमार। इस चुनाव में नोटा के तहत 7,727 वोट दर्ज हुए।