बिहार में आगामी 15 अप्रैल से जातिगत जनगणना का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा। बड़ी बात ये है कि बिहार जाति आधारित गणना में केवल आपकी जाति को ही नहीं, बल्कि, धर्म, शिक्षा, पेशा, रिश्तेदारी से लेकर लैपटाप और कार रखने वालों को भी सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा कोड दिया गया है। अगर आप कुंआरे हैं तो आपको एक नंबर पर रखा जाएगा। वहीं पति-पत्नी को कोड दो दिया गया है। यदि काई शादी-शुदा व्यक्ति ससुराल में रहता है तो ऐसे में घर जमाई को सरकार की तरफ से कोड सात दिया गया है। वहीं अगर सास-ससुर आपके साथ रहते हैं तो उन्हें नौ नंबर कोड दिया जाएगा। जबकि तलाकशुदा को पांच नंबर कोड दिया गया है।
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दो पहिया वालों का नंबर एक
दो पहिया रखने वाले को एक नंबर मिलेगा। जबकि, चार पहिया रखने वालों को कोड दो मिला है। इसी तरह अगर आप हिंदू हैं तो अपका कोड एक है। जबकि, मुस्लिमों को दो नंबर कोड दिया गया है। ईसाई को तीन, सिख को चार, बौद्ध को पांच, जैन को छह और अन्य धर्म वालों को सात नंबर का कोड दिया गया है। बिहार जाति आधारित जनगणना में सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 15 तरह की सूची तैयार की गयी है। इसमें सरकारी नौकरी, प्राइवेट नौकरी, किसान, स्वरोजगार, खेतिहर मजदूर से लेकर भिखारी और कचरा बीनने वालों को शामिल किया गया है। अगर कोई व्यक्ति कोई काम नहीं कर रहा तो उसे कोड नंबर 15 दिया जाएगा।