झारखंड के चक्रधरपुर रेल मंडल के हावड़ा मुंबई मुख्य रेल मार्ग पर स्थित बंडामुंडा रेलवे स्टेशन पर कोरोना काल के बाद से अधिकतर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव न होना इस बार के लोकसभा चुनाव का मुख्य मुद्दा बन सकता है।
बंडामुंडा रेलवे कॉलोनी दक्षिण पूर्व रेलवे कॉलोनी के सबसे बड़े रेल कॉलोनी होने के साथ ही बंडामुंडा रेलवे यार्ड भारतीय रेलवे में तृतीय रेलवे यार्ड का मान्यता प्राप्त किया है। बावजूद इसके रेलवे प्रशासन और केंद्र सरकार के अनदेखी के कारण इस स्टेशन पर निर्भर लाखों लोग लंबे समय से कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
कोरोना काल से पहले बंडामुंडा रेलवे स्टेशन पर समलेश्वरी एक्सप्रेस, उत्कल एक्सप्रेस, साउथ बिहार एक्सप्रेस, इस्पात एक्सप्रेस, टाटा एलेप्पी, धनबाद एलेप्पी, कुर्ला एक्सप्रेस, तपस्वनी एक्सप्रेस समेत छह जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव होता था। जो की पिछले तीन साल से बंद पड़ा हुआ है।
फिलहाल बंडामुंडा रेलवे स्टेशन पर इस्पात एक्सप्रेस और दो पैसेंजर ट्रेन ही रुक रही है। कोरोना काल में बंडामुंडा रेलवे स्टेशन पर यह कहकर यात्री ट्रेनों का ठहराव बंद कर दिया गया था कि यहां पर यात्रियों के सैंपल लेने के लिए प्रबंध नहीं है।
कोरोना खत्म हो गया लेकिन ट्रेनों का ठहराव शुरू नहीं हो पाया। जिस कारण क्षेत्र के ज्यादातर लोग केंद्र सरकार की इस हरकत से बेहद नाराज हैं। क्षेत्र में चर्चा बनी हुई है की अब केंद्र सरकार को आईना दिखाने का वक्त आ गया है। क्षेत्र के लोगों में केंद्र सरकार के प्रति रोष देखने को मिल रहा है।