बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाये जाने और विशेष राज्य की मांग के लेकर खूब सियासत हो रही है। बिहार सरकार ने इनदोनों मुद्दों पर फ्रंटफूट पर आकर मोर्चा संभाल लिया है। आज बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी इनदोनों मुद्दों को हथियार बनाकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। सबसे पहले उन्होंने 75 प्रतिशत आरक्षण के दायरे को 9 वीं अनुसूची में डालने की मांग की। इसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देंगे या नहीं?
“75 फीसदी आरक्षण को 9 वीं अनुसूची में शामिल करें”
दरअसल, आरक्षण का दायरा 75 प्रतिशत तक बढ़ाने का कानून बिहार में लागू हो गया है। जिसको लेकर बिहार सरकार की तरफ से जवाब देने के लिए प्रेस कांफ्रेस किया गया। जिसमें बिहार सरकर की तरफ से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मोर्चा संभाला। तेजस्वी यादव ने कहा कि 2 अक्टूबर का दिन बिहार के लिए ऐतिहासिक दिन रहा है, उसी दिन जातीय गणना की रिपोर्ट जारी की गई। बिहार पहला राज्य है जिसका खुद का साइंटिफिक डेटा है। तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि बिहार सरकार ने जाति गणना के आंकड़ों के आधार पर आरक्षण का दायरा बढ़ाने का काम किया है। नया कानून लागू हो गया है। इस पर कानूनी रूप से कोई अड़चन न आए, इसलिए इसे संविधान की 9वीं अनुसूची में डालने की जरूरत है। नीतीश कैबिनेट ने इसके लिए प्रस्ताव पारित करके केंद्र को भेजा है। अब केंद्र बिना सोचे इस पर अमल करे।
विशेष राज्य का दर्जा की मांग
तेजस्वी यादव ने कहा सीएम नीतीश कुमार कई बार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर चुके हैं। लेकिन प्रधानमंत्री सुनते ही नहीं हैं। उन्हें इस बार कहना है कि अब आप साफ़ बता दीजिए कि आपलोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देंगे या नही। यदि आप देंगे तो अच्छी बात है और यदि आप नहीं देंगे तो यह बात आप पब्लिक डोमेंन में रख दीजिए। ताकि हमलोग अपने हिसाब से बिहार के विकास के लिए जो भी हो सके वह कोशिश कर सकें।