अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह की भव्यता और दिव्यता आयोजन से हफ्तों पहले ही सुर्खियों में है। देश भर के लोग अयोध्या से जुड़ रहे हैं। अयोध्या में आयोजित होने वाले मुख्य समारोह में निमंत्रण भले ही कम लोगों को मिला है, लेकिन वहां का अक्षत देश भर में लोगों के घर घर पहुंच रहा है। राजनीति इस आयोजन पर बंटी हुई है। किसी के लिए यह धार्मिक आयोजन है तो किसी के लिए राजनीतिक आयोजन। वैसे समारोह में राजनीतिक बताने वाले इस मुद्दे पर सीधा सवाल पूछ रहे हैं कि चारों शंकराचार्य इस आयोजन में क्यों नहीं आ रहे हैं? इस सवाल का जवाब देना उनके लिए मुश्किल हो रहा है, जो इस आयोजन को धार्मिक बता रहे हैं। क्योंकि हिंदू धर्म में शंकराचार्यों को सवोच्च स्थान दिया गया है। लेकिन इस आयोजन से उनकी दूरी चर्चा का विषय बनी हुई है।
राम मंदिर के वो दो पुजारी, जो प्राण प्रतिष्ठा समारोह को कराएंगे पूरा, जानिए क्यों हैं चर्चित
क्या कहते हैं चारों शंकराचार्य
- पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती को अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा से नाराजगी है। उनका कहना है कि “हम इस कार्यक्रम में ताली बजाने थोड़े ना जाएंगे। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए न्योता तो मिला है, लेकिन इसमें उन्हें सिर्फ एक आदमी के साथ आने के लिए कहा गया है। अगर 100 आदमी के साथ भी मुझे आने का न्योता मिला होता, तब भी मैं इस कार्यक्रम में नहीं जाता। मोदी वहां मूर्ति को स्पर्श करें और वह खड़े होकर ताली बजाएं और जय जयकार करें, यह मुमकिन नहीं है।”
- द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने एक इंटरव्यू में कहा है कि “मंदिर अभी पूरी तरह से बना नहीं है, इसलिए आधे अधूरे मंदिर में भगवान को स्थापित किया जाना धर्म सम्मत नहीं है। कोई ऐसी परिस्थिति नहीं है, जिसकी वजह से यह प्राण प्रतिष्ठा जल्दी करनी पड़े। उचित मुहूर्त और समय का इंतजार किया जाना चाहिए। हम एंटी मोदी नहीं है, लेकिन हम एंटी धर्म शास्त्र भी नहीं होना चाहते। राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में चारों शंकराचार्य नहीं जाएंगे।”
- शारदा पीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती का कहना है कि “यह कार्यक्रम राम मंदिर का नहीं, बल्कि वोटों का है। पौष के अशुभ महीने में प्राण प्रतिष्ठा का कोई कारण नहीं है। यह सीधे तौर पर बीजेपी के राजनीतिक हित को साधने वाला कार्यक्रम है।”
- श्रृंगेरी मठ के शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी भारती तीर्थ के भी इस आयोजन में नहीं आने की चर्चा है। एक वायरल वीडियो में श्रृंगेरी मठ के शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी भारती तीर्थ इस वीडियो में कहते दिख रहे हैं कि “हिन्दू समुदाय को बेवकूफ बनाने और लोकसभा चुनाव से पहले प्रोपेगंडा खड़ा करने के लिए यह बीजेपी का प्रयोजित कार्यक्रम है।”