बिहार में महागठबंधन की सरकार की गांठें अब खुलने नहीं बिखरने लगी हैं। भाजपा के साथ लड़ाई लड़ते-लड़ते राजद और जदयू के नेता आपस में लड़ने लगे हैं। राजद नेताओं ने नीतीश कुमार के नेतृत्व को निशाने पर रख लिया है तो जदयू ने लालू व तेजस्वी के नेतृत्व की बखिया उधेड़नी शुरू कर दी है। सुधाकर सिंह और विजय मंडल के बाद डॉ. चंद्रशेखर यादव का मुद्दा ऐसा गरमाया है कि राजद और जदयू के नेता आपस में भिड़ गए हैं। राजद पहले सुधाकर सिंह पर कार्रवाई की बात तो कर रही थी, अब चंद्रशेखर प्रकरण के रामचरितमानस पर टिप्पणी वाले प्रकरण के बाद अलग तेवर में आ गई है। राजद के बदले तेवर को जदयू के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा ने भाजपा के साथ सेटिंग का नाम दिया है।
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‘भाजपा को फायदा पहुंचा रहा राजद’
उपेंद्र कुशवाहा ने साफ कहा कि भाजपा को राजद साफ तौर पर फायदा पहुंचा रहा है। रामचरितमानस पर टिप्पणी का अर्थ यह है कि भाजपा के फील्ड में जाकर उनके पिच पर खेलने जैसा है। भाजपा के एजेंडे पर काम करने जैसा है। सबको मालूम है कि ऐसे विवाद से भाजपा को फायदा होगा। तेजस्वी यादव ने सुधाकर सिंह के प्रकरण में यह बात मानी भी है। लेकिन न तो सुधाकर सिंह पर कार्रवाई हुई और न ही चंद्रशेखर पर। कार्रवाई नहीं होना दुखद है। इसलिए अब मामला उपर जा चुका है। राजद को लेकर चर्चा रहती है कि भाजपा के दबाव में राजद काम करती है ताकि उनके शीर्ष नेताओं को राहत मिल जाए। उपेंद्र कुशवाहा का यह निशाना सीधे लालू यादव और तेजस्वी यादव पर है। क्योंकि वे ही राजद के शीर्ष नेतृत्व हैं और कानूनी मामलों में फंसे भी हैं।
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तेजस्वी व लालू पर लगाया सीधा आरोप
जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर साफ आरोप लगाया कि राजद का शीर्ष नेतृत्व यह चाहता है कि किसी न किसी मामले में उनको केंद्र सरकार से मदद मिले। उसके एवज में राजद के लोग भाजपा को फायदा पहुंचाने का काम कर रहे हैं। तमाम आरोपों के बाद भी उपेंद्र कुशवाहा ने उम्मीदों का दामन नहीं छोड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन के लिए सही होगा कि ऐसी आशंकाओं को राजद जल्द से जल्द खारीज करे। हमारे नेता नीतीश कुमार को राजद के लोग गाली दे रहे हैं और पूरी पार्टी मौन है। ऐसी स्थिति को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। रामचरितमानस पर हमारी पार्टी राजद नेता के बयानों से बिल्कुल इत्तेफाक नहीं रखती है, उनके ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए।