नीतीश कुमार बिहार में महागठबंधन की सरकार चला रहे हैं। महागठबंधन में नीतीश की पार्टी जदयू के साथ राजद और कांग्रेस भी है। राजद पर तो नीतीश फिदा दिखते हैं। अगली बार तेजस्वी को सीएम बनाने का वादा भी कर चुके हैं। लेकिन कांग्रेस को बिहार में खास तरजीह नहीं दे रहे। मामला मंत्रिमंडल विस्तार से जुड़ा है। नीतीश कुमार लगातार कांग्रेस को मंत्री पद के लिए टरका और तरसा रहे हैं। तो दूसरी ओर नीतीश कुमार को कांग्रेस से ही आस है कि नरेंद्र मोदी और भाजपा को केंद्र की सत्ता से उतारने के उनके सपने को पूरा करने में सहयोग दे।
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‘अब देर न करे कांग्रेस’
बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं के बीच देरी लगातार हो रही है। इससे कांग्रेस के नेता ही बेचैन हैं क्योंकि मंत्री पद के लिए छटपटाहट उनकी ज्यादा दिख रही है। कांग्रेस को बिहार में तरसा रहे सीएम नीतीश की इच्छा है कि 2024 में उनके भाजपा-मोदी हटाओ अभियान में कांग्रेस समर्थन देने में देर न करे। भाकपा-माले के राष्ट्रीय महाधिवेशन के अवसर पर 18 फरवरी को महाधिवेशन के मंच से नीतीश कुमार ने कहा कि कांग्रेस को अब आगे का फैसला करना चाहिए। विपक्षी एकजुटता में देरी ना करे।
नीतीश के गणित में भाजपा जाएगी अंडर 100
2024 के चुनाव को लेकर कयासबाजी तो पहले ही चल रही है। नीतीश कुमार का गणित ये कहता है कि भाजपा अगले लोकसभा चुनाव में 100 सीटों के नीचे सिमट सकती है। उनका कहना है कि सभी लोग एकजुट होकर लड़ें, तो यह संभव है। नीतीश ने इसके लिए इमोशनल कार्ड भी खेला है। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई का इतिहास बदलने का प्रयास हो रहा है। सभी धर्म और जाति के लोगों को लेकर साथ चलना होगा।
मेरी कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं : नीतीश
जब से जदयू और भाजपा अलग हुए हैं, चर्चा यही है कि नीतीश कुमार पीएम बनना चाहते हैं। लेकिन नीतीश कुमार ने शनिवार को एक बार फिर दुहराया कि नेतृत्व को लेकर मेरी कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं है। हम तो केवल बदलाव चाहते हैं। जो सब तय करें वही होगा।