झारखंड विधानसभा के एकदिवसीय विशेष सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही में सीएम हेमंत सोरेन ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिए विधेयक 2022 में सदन में संशोधन करते हुए नियोजन को जोड़ा है। इस विधेयक को कानून बनते ही झारखंड में सिर्फ स्थानीय व्यक्ति को ही तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरी मिल पायेगी।
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संशोधन प्रस्ताव के तहत लाये गए सुझाव
यह ऐतिहासिक निर्णय भाकपा माले के विधायक विनोद सिंह के संशोधन प्रस्ताव के तहत लाये गए सुझाव पर सीएम हेमंत सोरेन ने लिया। माले विधायक ने मांग किया था कि स्थानीयता को नियोजन नीति से जोड़ा जाए। जिसके बाद सीएम ने स्थानीय नीति विधेयक में नियोजन नीति को स्पष्ट तरीके से जोड़ा।