जेएमएम को छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद गुरुवार को बीजेपी से लोकसभा उम्मीदवार सीता सोरेन ने रांची के प्रदेश भाजपा कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने दुमका लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार बनने पर पार्टी का शुक्रिया अदा किया। साथ ही सोरेन परिवार पर जमकर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि मेरे पति स्वर्गीय दुर्गा सोरेन के गुजर जाने के बाद से ही राजनीतिक सफर में झारखंड मुक्ति मोर्चा के द्वारा हमें उचित सम्मान और स्थान नहीं दिया गया। मैंने कई मुश्किल हालातों में खुद से अपने बच्चों का ध्यान रखा। मेरे पति स्वर्गीय दुर्गा सूर्य ने झारखंड के आदिवासी मूलवासी अल्पसंख्यक और गरीब वंचित वर्ग के उत्थान के लिए जो सपना देखा था वह सपना पूरा नहीं हो पा रहा था। 14 वर्षों के राजनीतिक सफर के बाद भी उनके सपनों को पूरा नहीं किया जा रहा था। इसी बात से आहात होकर मैंने झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़ने का फैसला लिया और भाजपा में शामिल हो गई।
उन्होंने कहा कि भाजपा में शामिल होना उनका व्यक्तिगत निर्णय है इनके पीछे किसी प्रकार का राजनीतिक संयंत्र नहीं है झारखंड मुक्ति मोर्चा सिर्फ दुर्गा सोरेन के तस्वीर का दिखावा कर रही है मेरे पति स्वर्गीय दुर्गा सोरेन की मौत की जांच होनी चाहिए। बता दें कि JMM में मन लायक जगह नहीं मिलने पर हेमंत सोरेन की भाभी और विधायक सीता सोरेन ने मंगलवार को BJP का दामन थाम लिया। उनके इस फैसले से पार्टी को बहुत बड़ा झटका लगा है। कल तक जिनके पति को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में देखा जाता था, आज उन्हें खुद के राजनीतिक अस्तित्व को बचाने के लिए BJP का साथ लेना पड़ गया।
दरअसल, साल 2009 में शिबू सोरेन के बड़े बेटे और जेएमएम के तात्कालीन महासचिव दुर्गा सोरेन की कोबारो में मौत हो गई थी। उनकी मौत के बाद हेमंत सोरेन का पार्टी में कद तो बढ़ा लेकिन हेमंत सरकार की कैबिनेट में उनकी भाभी को जगह नहीं मिली। इस बीच यह चर्चा वापस से उठने लगी कि उठी कि अगर आज दुर्गा सोरेन जिंदा होते तो हेमंत की जगह उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाया जाता।