27 अप्रैल 2024 को बिहार के उद्यमी भवन में स्टार्टअप मीट का आयोजन हुआ, जहां पर बिहार के अलग अलग जिलों से आए उद्यमियों ने भाग लिया। देश के उद्यमियों को समर्पित उद्यमी भवन में इसका आयोजन हुआ, जहाँ पर उद्यमियों की सहायता हेतु स्टार्टअप हॉस्टल, नवीनतम तकनीकों से सुसज्जित लैब्स, इत्यादि शामिल है। इस फाउन्डर मीट में कृषि उत्पाद की ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग पर चर्चा हुई, जिसमें युवाओं, महिलाओं, किसानों के साथ उद्यमी शामिल हुए।
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BEA के महासचिव अभिषेक सिंह के नेतृत्व में आयोजित फाउंडर मीट में बिहार के लगभग हर जिले से युवा उद्यमी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान BEA के महासचिव अभिषेक सिंह ने निड गैप एनालिसिस, मार्केट रिसर्च, डिफाइन बिजनेस मॉडल, रिवेन्यू मॉडल, टीम बिल्डिंग इन सारे तकनीक से जुड़ी हुई बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा किया। कार्यक्रम का मुख्य केंद्र बिंदु एग्रो मार्केटिंग रहा, जिसमें एग्रीकल्चर सेक्टर से जुड़े हुए स्टार्टअप अपनी-अपनी अनुभव के बारे में बातें रखी। इन स्टार्टअप्स में कटिहार से एक स्टार्टअप रोस्टेड मखाना पर ऑटोमेशन प्लांट पर काम कर रहे हैं, जो एक सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था लेकर आ रहे हैं। जिससे बिहार में मखाना क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं सभी कंपनियां इस सिंगल विंडो सिस्टम का लाभ लेकर अपने मखाना प्रोडक्ट को देश-विदेश आसानी से भेज सकते हैं। वहीं कुछ स्टार्टअप लेमनग्रास टी पर काम कर रहे हैं और कुछ स्टार्टअप मक्का और घास से निर्मित सिलेज बनाकर पशुओं का आहार बना रहे हैं। कुछ स्टार्टअप जीवामृत कंचन अमृत ऑर्गेनिक खेती और नेचुरल खेती कर रहे हैं।
ग्रीन सप्लाई के फाउंडर राजेश कुमार ने एग्री प्रोडक्ट को बेहतर मार्केटिंग लिकेज कैसे मिले, कैसे अपने प्रोडक्ट को वैल्यू एडिशन करके एवम बेहतर पैकेजिंग करके एक अच्छे बाजार में लिकेज कर सकते हैं जिसमें आपके एग्री प्रोडक्ट का अच्छा भाव मिलेगा। वहीं भारत कृषि के फाउंडर श्री राजा कलाम ने सस्टेनेबल फार्मिंग प्रैक्टिसेज के बारे में जोड़ दिया कैसे किसानों के साथ खरपतवार नियंत्रण और सिंचाई प्रणाली तकनीक को सुधार करके खेती में लाभ कमाए जा सकता है और मिट्टी के द्वारा क्षमता को बढ़ाने के लिए रसायन खाद के अलावा प्रकृति खाद पर निर्भर होना चाहिए। चिकेनवाला फाउंडर ओंकार सिंह ने लाइव स्टॉक फार्मिंग एवं उसमें वैल्यू एडिशन करके बेहतर मुनाफा कैसे कमाया जाए, उसके भविष्य के बारे में बताया। खेती-बारी के फाउंडर नीतीश कुमार ने एग्री इनपुट में तकनीक के माध्यम से कैसे आगे बढ़े उसके बारे में बताया। साथ में बिहार उद्यमी संघ (BEA) के अन्य सदस्य अभिजीत भारद्वाज, आनंद कुमार, लोकेश मिश्रा आदि मौजूद रहे।