हेमंत सोरेन की औपबंधिक जमानत को लेकर शनिवार को ईडी कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी है। दरअसल, हेमंत सोरेन की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि उनके बड़े पिता राजाराम सोरेन का निधन हो गया है। उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए 13 दिनों की जमानत दी जाए।
बता दें कि भूमि घोटाला मामले में ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया है। फिलहाल, वह होटवार जेल में बंद है। इस मामले में अदालत में सुनवाई हुई और दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत का फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। याचिका में कहा गया था कि उनके बड़े पिता राजाराम सोरेन का निधन हो गया है। इसलिए, अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उन्हें 13 दिनों की औपबंधिक जमानत दी जाए।
देश के चौथे चरण यानी की 13 मई को झारखंड में पहले चरण का मतदान होने वाला है। इसको लेकर पार्टियों द्वारा पूरी तैयारी की जा रही है। इस बीच बता दें कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस बार हो सके तो अपने मतों का प्रयोग नहीं कर पाएंगे। अगर जमानत नहीं मिली तो लोकसभा चुनाव में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित राज्य की जेलों में बंद 18 हजार से अधिक कैदी और विचाराधीन बंदी वोट नहीं दे सकेंगे।
जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 62 (5) के अनुसार जेल में प्रिवेंटिव डिटेंशन (निवारक निरोध अधिनियम में गिरफ्तारी ) के तहत कारावास में रह रहे लोगों के अलावा किसी भी कैदी या विचाराधीन बंदी को मतदान का अधिकार नहीं है। हालांकि, मतदान की तिथि के पूर्व अगर हेमंत सोरेन या किसी भी कैदी को जमानत मिल जाती है तो वह अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।