गया में होली के दौरान बाराचट्टी थाना क्षेत्र के गुलरवेद गांव में बुधवार सुबह एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई थी। बताया जा रहा था कि ये मौत घर के आंगन में तोप का गोला गिरने से हुई, जो सेना के अभ्यास के दौरान हुआ। लेकिन अब सेना का दावा है कि सैन्य अभ्यास के दौरान तोप का गोला फटने से तीन लोगों की मौत नहीं हुई थी। इस मामले में सेना का कहना है कि देवरी डुमरी फील्ड फायरिंग रेंज में 8 मार्च को कोई मोर्टार फायरिंग नहीं की गई थी। सेना का मानना है कि विस्फोट वाली जगह पर अवैध रूप से गोला रखा गया था। उसके फटने से यह हादसा हुआ।
सेना ने जारी किया बयान
इस मामले में सेना ने बयान जारी कर कहा है कि मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि ये मौतें सेना की मोर्टार फायरिंग के कारण हुई हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। क्योंकि 8 मार्च को देउरी डुमरी फील्ड फायरिंग रेंज में मोर्टार से गोलीबारी नहीं की गई थी। साथ ही यह भी कहा कि स्थानीय नागरिक प्रशासन और पुलिस से फायरिंग से पहले अधिसूचित फायरिंग रेंज पर सभी मंजूरी रोजाना ली जाती है। 8 मार्च को मोर्टार दागने के लिए ऐसी कोई मंजूरी नहीं मांगी गई थी।
निशान मोर्टार के नहीं : सेना
मीडिया में चल रही घटना स्थल की तस्वीरों पर सेना का कहना है कि मोर्टार के सेल विस्फोट के बाद ऐसी छाप नहीं छोड़ते हैं। हो सकता है कि पहले कभी यह मोर्टार क्षेत्र में गिरा हो और उसे यहां अवैध रूप से छिपाकर रखा गया होगा। बुधवार को जब स्थानीय लोग उसमें से धातु निकालकर बेचने की कोशिश कर रहे होंगे तो विस्फोट हो गया होगा।